आधुनिक दुनिया में बिजली के बिना रहना बहुत मुश्किल है। अब तो अधिकतर कार्य बिजली के उपयोग से ही होने लगे हैं। अपने आस-पास देखिए, हम सभी बिजली के तारों से घिरे हुए हैं। खम्भों से होते हुए तार घर तक पहुंचता है और मीटर से जुड़ता है। इसी मीटर से घर के सभी तार जुड़े हुए होते हैं। इन्हीं तारों से बिजली के सभी उपकरण चलते हैं जैसे कि बल्ब, ट्यूब-लाइट, टीवी, फ्रिज, कूलर आदि।
मगर क्या ऐसा हो सकता है कि आने वाले समय में यह सभी उपकरण बिना तारों के भी काम करें? क्या सचमुच तार-रहित बिजली संभव है? तो इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको यह लेख पढ़ना होगा।
NIKOLA TESLA

उन्होंने 1901-02 में वार्ड़ेंक्लीफ टावर (Wardenclyffe Tower) बनवाकर वायरलेस बिजली पर कई प्रयोग किए। जे पी मॉर्गन इस प्रयोग के फिनांसर थे और जब उनको ये बात पता चली कि टेस्ला रेडियो सिग्नल्स के बजाए वायरलेस बिजली पर प्रयोग कर रहे हैं तो उन्होंने इस प्रयोग को रुकवा दिया था। मगर निकोला टेस्ला ने अपने प्रयोगों से निष्कर्ष निकाल लिया था कि धरती के अनुनाद (Resonance) से वायरलेस बिजली भेजना संभव है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने कई मील दूर वायरलेस बिजली से बल्ब को जलाकर दिखाया गया था।
2018 में हिस्ट्री चैनल (History Channel) में निकोला टेस्ला पर 5 एपिसोड की स्पेशल डॉक्यूमेंट्री सीरीज दिखाई गई थी। इस प्रोग्राम में टेस्ला के धरती की मदद से वायरलेस बल्ब जलाने के प्रयोग को दोहरा कर साबित किया गया था कि ऐसा संभव है।
निकोला टेस्ला के बारे में जानने के लिए तथा इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज को देखने के लिए आप निम्नलिखित लिंक्स पर क्लिक कीजिए :-
WITRICITY

विट्रीसिटी की टेक्नोलॉजी का उपयोग मोबाइल चार्जिंग, हेलमेट, बिजली के उपकरणों के अलावा अन्य कई कार्यों में होगा। अभी यह कंपनी रेसोनेटर कोइल (resonator coil) के आकार से दुगनी दूरी तक चार्जिंग कर सकती है।
ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लेख को पढ़िए :-
uBeam

तकनीक के द्वारा एक ही समय पर बिजली उपकरणों तथा मोबाइल फोनों को चार्ज करने व डाटा भेजने का कार्य एक साथ किया जा सकेगा। इस टेक्नोलॉजी में बिजली और डाटा को अल्ट्रासाउंड वेव्स में तब्दील किया जाता है। रिसीवर साउंड वेव्स को इलेक्ट्रिकल सिग्नल में तब्दील कर देता है जिससे उपकरण डाटा व चार्जिंग प्राप्त कर लेता है। अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक में जाकर पढ़ें :-
Ossia

ओसिआ की प्रतिस्पर्धी कंपनी एनेर्गोस (Energous) भी वायरलेस चार्जिंग पर काम कर रही है मगर इस कंपनी का लक्ष्य बड़े उपकरणों को चार्ज करने का है। यह कंपनी 15 से 30 फीट तक चार्जिंग कर पाती है।
ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक करें:-
2. Ossia
3. Energous
Taser Gun

टेसर गन एक इलेक्ट्रोशॉक हथियार (Electroshock weapon) है। यह बिजली के झटके देता है जिससे कि कुछ पल के लिए मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र पंगु हो जाता है जिससे कि व्यक्ति 30 सेकेंड तक हिलने-ढुलने योग्य नहीं रहता। सामान्य टेसर गन में 15 से 25 फीट लम्बी दो इलेक्ट्रोड वायर होती हैं जिसके सिरे में कांटा लगा होता है।इस गन में गोली जैसे खोल होते हैं जिसमे से दोनों तार निकलकर कांटे की मदद से टार्गेटेड व्यक्ति के शरीर या कपड़ों में धंस जातें हैं और उसे तेज झटका लगता है। खोल खत्म होने पर भी यह स्टन गन के तौर पर काम करता है जिसके लिए इसे टारगेटेड व्यक्ति के शरीर पर इस गन की नोक को छूना पड़ता है। ऐसा करने पर उस व्यक्ति को तेज दर्द होता है। टेसर गन में वायरलेस गन भी आ गया है।
इसके अलावा Wattozz Wireless Electroshock Weapon (वाटोज गन) वायरलेस गन है जिसमें तार के बजाए गोली नुमा दो कार्ट्रिज (cartridge) होते हैं जो कि सीधे गोली की तरह निकलते हैं और टारगेट के शरीर में धंसकर उसे बिजली का झटका देते हैं।
ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक कीजिए :-
1. Navy SEAL Tests Civilian Taser | Non Lethal Self Defense
2. WATTOZZ WIRELESS ELECTROSHOCK WEAPON
3. Taser
4. Wireless Wattozz Gun Made in Turkey
Invisible Electric Fence and Wireless Dog Training Collar

ठीक इसी प्रकार से यह पट्टा कुत्ते की ट्रेनिंग के काम में आता है तथा इस पट्टे को रिमोट कण्ट्रोल द्वारा चलाया जा सकता है। बिजली का झटका जरूरत अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स में जाएं :-
1. The Best Wireless Dog Fences (2019 Reviews)
2. Invisible Fence
3. The Best Dog Training Collars (2019 Reviews)
4. Remote Trainers
Electronic Harassment

अफसोस की बात है की ऐसे लोगों के ऊपर विश्वास नहीं किया जाता है और इन्हें सरफिरा कहा जाता है। शायद लक्षित व्यक्ति नयी टेक्नोलॉजी से अनजान होने के कारण अपनी बात किसी को समझा ही नहीं पाते हैं। लोग भी इसी अज्ञानता के कारण उनकी बातों पर यकीन नहीं कर पाते हैं।
अगर आप इस विषय पर इंटरनेट पर सर्च करते हैं तो आपको पता चलेगा कि इस विषय से इंटरनेट पटा पड़ा है। मगर इन जानकारियों पर भरोसा करना है या नहीं इसके लिए आपको अपनी तर्क शक्ति का इस्तेमाल करना होगा, यह तय करने के लिए कि दी गयी जानकारी सही है या नहीं।
निम्नलिखित कुछ लिंक्स दिए जा रहे हैं जिन्हें आप क्लिक करके देख सकते हैं :-
Sound to Light

1. Scientists convert sound into light
2. This Is How Sound Is Turned Into Light
LiFi
लाईफाई वायरलेस टेक्नोलॉजी है जिसमें रेडियो सिग्नल्स के बजाए रोशनी (Light) के जरिए डाटा का आदान -प्रदान होता है। लाईफाई लाइट संचार व्यवस्था (Light Communication System) है जो डाटा को बहुत तेजी से रोशनी, इंफ्रारेड और अल्ट्रावायलेट स्पेक्ट्रम के माध्यम से भेजता है। इस तकनीक में सामान्य एलईडी के जरिए डाटा, चित्र, गाने और वीडियो को भेजा जा सकता है। यह तकनीक वाईफाई से 100 गुणा ज्यादा तेज है। मगर लाईफाई सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में सिर्फ इतना ही कहा जा रहा है कि "वाईफाई के मुकाबले, लाईफाई दीवारों से नहीं गुजर सकती है और इसलिए यह तकनीक सुरक्षित है।"
लाईफाई के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक कीजिए :-
1. 'Li-fi' via LED light bulb data speed breakthrough
2. Li-fi record data transmission of 10Gbps set using LED lights
3. What is Li-Fi? Everything you need to know
5. Move over Wi-Fi, it’s Li-Fi that’s making waves in internet ecosystem
6. Why Light Bulbs May Be the Next Hacker Target
6. Why Light Bulbs May Be the Next Hacker Target
उपरोक्त कई टेक्नोलॉजी को देखकर एकदम से से यकीन नहीं होता है कि सचमुच ऐसी टेक्नोलॉजी मौजूद है! वास्तविक तथ्य तो यह है कि वर्त्तमान समय में विज्ञान असंभव को संभव बना रहा है। इसीलिए विज्ञान के प्रति जागरूकता और सजगता रखनी जरुरी है क्योंकि अब विज्ञान में जो खोजें और अविष्कार हो रहे हैं उससे पूरी दुनिया बदलने वाली है, जिसका प्रभाव सभी पर पड़ेगा। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन खोजों और आविष्कारों का सदुपयोग होता है या दुरुपयोग।
अंत में सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि विज्ञान अपने आप में निष्पक्ष होता है। इसका सही उपयोग या दुरुपयोग करना इंसान के हाथ में है। जैसे परमाणु शक्ति तबाही के काम भी आ सकती है और बिजली बनाने के लिए भी। इसीलिए जब तक दुनिया में अच्छे और बुरे लोग दोनों हैं, तब तक विज्ञान का उपयोग और दुरुपयोग हमेशा साथ-साथ ही होगा!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please comment if you like the post.