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मंगलवार, जुलाई 23, 2019

वायरलेस बिजली संभव है ! (4)

आधुनिक दुनिया में बिजली के बिना रहना बहुत मुश्किल है। अब तो अधिकतर कार्य बिजली के उपयोग से ही होने लगे हैं। अपने आस-पास देखिए, हम सभी बिजली के तारों से घिरे हुए हैं। खम्भों से होते हुए तार घर तक पहुंचता है और मीटर से जुड़ता है। इसी मीटर से घर के सभी तार जुड़े हुए होते हैं। इन्हीं तारों से बिजली के सभी उपकरण चलते हैं जैसे कि बल्ब, ट्यूब-लाइट, टीवी, फ्रिज, कूलर आदि। 

मगर क्या ऐसा हो सकता है कि आने वाले समय में यह सभी उपकरण बिना तारों के भी काम करें?  क्या सचमुच तार-रहित बिजली संभव है? तो इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको यह लेख पढ़ना होगा।  

NIKOLA TESLA

निकोला टेस्ला मौलिक आविष्कारक तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। उनको आधुनिक दुनिया का जनक भी कहा जा सकता है। वे अत्यंत बुद्धिमान थे और अपने समय से बहुत आगे थे। उन्होंने लगभग सवा सौ साल पहले ही तार-रहित बिजली पर कई प्रयोग किये थे। उन्होंने टेस्ला कोइल (Tesla Coil) की मदद से फ्लोरोसेंट ट्यूब (Fluroscent bulb or lamp) को हाथ में पकड़कर जलाया था, जो कि पूरी तरह से वायरलेस थी। उनका सपना था कि पूरी दुनिया को मुफ्त और वायरलेस बिजली मिले।

उन्होंने 1901-02 में वार्ड़ेंक्लीफ टावर (Wardenclyffe Tower) बनवाकर वायरलेस बिजली पर कई प्रयोग किए। जे पी मॉर्गन इस प्रयोग के फिनांसर थे और जब उनको ये बात पता चली कि टेस्ला रेडियो सिग्नल्स के बजाए वायरलेस बिजली पर प्रयोग कर रहे हैं तो उन्होंने इस प्रयोग को रुकवा दिया था। मगर निकोला टेस्ला ने अपने प्रयोगों से निष्कर्ष निकाल लिया था कि धरती के अनुनाद (Resonance) से वायरलेस बिजली भेजना संभव है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने कई मील दूर वायरलेस बिजली से बल्ब को जलाकर दिखाया गया था।

2018 में हिस्ट्री चैनल (History Channel) में निकोला टेस्ला पर 5 एपिसोड की स्पेशल डॉक्यूमेंट्री सीरीज दिखाई गई थी। इस प्रोग्राम में टेस्ला के धरती की मदद से  वायरलेस बल्ब  जलाने के प्रयोग को दोहरा कर साबित किया गया था कि ऐसा संभव है।

निकोला टेस्ला के बारे में जानने के लिए तथा इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज को देखने के लिए आप निम्नलिखित लिंक्स पर क्लिक कीजिए :-


WITRICITY

विट्रीसिटी कंपनी 2007 में बनी थी तथा इनकी टेक्नोलॉजी निकोला टेस्ला के टेस्ला कोइल की चुम्बकीय अनुनाद युग्मन (Magnetic Resonance Coupling) तकनीक पर आधारित है। इस कंपनी ने मैग्नेटिक रेजोनेंस टेक्नोलॉजी को पेटेंट किया है जिसके द्वारा वायरलेस तरीके से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज किया जाता है। इस वायरलेस तकनीक की खासियत यह है कि ये कई सारे पदार्थों जैसे अस्फाल्ट, ग्रेनाइट, सीमेंट, लकड़ी, बर्फ आदि से गुजर कर भी चार्जिंग ज्यों का त्यों जारी रखती है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल चिकित्सा के क्षेत्र में काम आएगा जिसमें मरीज के शरीर में यंत्र को डालकर उसे वायरलेस चार्जिंग के जरिए उपयोग में लाया जा सकेगा।

विट्रीसिटी की टेक्नोलॉजी का उपयोग मोबाइल चार्जिंग, हेलमेट, बिजली के उपकरणों के अलावा अन्य कई कार्यों में होगा।  अभी यह कंपनी रेसोनेटर कोइल (resonator coil) के आकार से दुगनी दूरी तक चार्जिंग कर सकती है।

ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लेख को पढ़िए :-



uBeam

यूबीम एक अमेरिकी कंपनी है जो कि वायरलेस चार्जिंग के लिए अल्ट्रासाउंड वेव्स पर काम कर रही है। इस
तकनीक के द्वारा एक ही समय पर बिजली उपकरणों तथा मोबाइल फोनों को चार्ज करने व डाटा भेजने का कार्य एक साथ किया जा सकेगा। इस टेक्नोलॉजी में बिजली और डाटा को अल्ट्रासाउंड वेव्स में तब्दील किया जाता है। रिसीवर साउंड वेव्स को इलेक्ट्रिकल सिग्नल में तब्दील कर देता है जिससे उपकरण डाटा व चार्जिंग प्राप्त कर लेता है। अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक में जाकर पढ़ें :-




Ossia

ओसिआ की कोटा (Cota) तकनीक वाईफाई (WiFi) की तकनीक जैसी होती है, फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें डाटा भेजने के बजाए पॉवर भेजा जाता है। इस टेक्नोलॉजी में वायरलेस चार्जिंग के लिए 2.4 Ghz रेडियो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया जाता है जो कि वाईफाई के लिए इस्तेमाल होती है।अभी यह कंपनी वायरलेस पावर 1 मीटर तक भेज पाती है।

ओसिआ की प्रतिस्पर्धी कंपनी एनेर्गोस (Energous) भी वायरलेस चार्जिंग पर काम कर रही है मगर इस कंपनी का लक्ष्य बड़े उपकरणों को चार्ज करने का है। यह कंपनी 15 से 30 फीट तक चार्जिंग कर पाती है। 

ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक करें:-


2. Ossia


Taser Gun

टेसर गन एक इलेक्ट्रोशॉक हथियार (Electroshock weapon) है। यह बिजली के झटके देता है जिससे कि कुछ पल के लिए मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र पंगु हो जाता है जिससे कि व्यक्ति 30 सेकेंड तक हिलने-ढुलने योग्य नहीं रहता। सामान्य टेसर गन में 15 से 25 फीट लम्बी दो इलेक्ट्रोड वायर होती हैं जिसके सिरे में कांटा लगा होता है।इस गन में गोली जैसे खोल होते हैं जिसमे से दोनों तार निकलकर कांटे की मदद से टार्गेटेड व्यक्ति के शरीर या कपड़ों में धंस जातें हैं और उसे तेज झटका लगता है। खोल खत्म होने पर भी यह स्टन गन के तौर पर काम करता है जिसके लिए इसे टारगेटेड व्यक्ति के शरीर पर इस गन की नोक को छूना पड़ता है। ऐसा करने पर उस व्यक्ति को तेज दर्द होता है। टेसर गन में वायरलेस गन भी आ गया है।

इसके अलावा Wattozz Wireless Electroshock Weapon (वाटोज गन) वायरलेस गन है जिसमें तार के बजाए गोली नुमा दो कार्ट्रिज (cartridge) होते हैं जो कि सीधे गोली की तरह निकलते हैं और टारगेट के शरीर में धंसकर उसे बिजली का झटका देते हैं।

ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक कीजिए :-

1. Navy SEAL Tests Civilian Taser | Non Lethal Self Defense

2. WATTOZZ WIRELESS ELECTROSHOCK WEAPON

3. Taser

4. Wireless Wattozz Gun Made in Turkey


Invisible Electric Fence  and Wireless Dog Training Collar

अदृश्य इलेक्ट्रिक फैन्स पालतू कुत्तों को अपने क्षेत्र में रहने के लिए बनाई गई है। इस तकनीक में प्रॉपर्टी के चारों ओर जमीन के अंदर केबल तार को बिछा दिया जाता है जो कि रेडियो ट्रांसमीटर के कण्ट्रोल पैनल से जुड़ी होती है। ये कण्ट्रोल पैनल प्रॉपर्टी के चारों और रेडियो सिग्नल की अदृश्य दीवार बना देता है। पालतू कुत्ते के गले में कॉलर बांधा जाता है जिसमें कि रेडियो सिग्नल प्राप्त करने का रिसीवर लगा होता है। जैसे ही कुत्ता अदृश्य सिग्नल क्षेत्र को पार करने की कोशिश करता है, उसी समय कुत्ते के लिए चेतावनी गूंजती है और उसके बाद उसके गले में बंधे पट्टे से उसे बिजली का झटका लगता है ताकि वह अपने क्षेत्र में रहे। धीरे-धीरे कुत्ते को अपने क्षेत्र में रहने की आदत हो जाती है। यह तकनीक 1000 फीट से 4000 फीट तक काम करता है।

ठीक इसी प्रकार से यह पट्टा कुत्ते की ट्रेनिंग के काम में आता है तथा इस पट्टे को रिमोट कण्ट्रोल द्वारा चलाया जा सकता है। बिजली का झटका जरूरत अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स में जाएं :-

1. The Best Wireless Dog Fences (2019 Reviews)

2. Invisible Fence

3. The Best Dog Training Collars (2019 Reviews)

4. Remote Trainers


Electronic Harassment

मैंने इस ब्लॉग में लिखे लेख "आपके विचारों को पढ़ा जा सकता है! (2)" में लक्षित व्यक्तियों (Targeted Individuals) के बारे बताया था कि यह लोग ऐसा दावा करते हैं कि इन्हें अज्ञात गिरोह (Gang Stalkers) द्वारा परेशान किया जाता है व न दिखने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन आदि से इनके शरीर को निशाना बनाया जाता है। साथ ही ये लोग ये भी दावा करते हैं कि इन पर हर वक्त (24 X 7 X 365) निगरानी रखी जाती है तथा इनके मस्तिष्क में आवाजें व विचार डाले जाते हैं।

अफसोस की बात है की ऐसे लोगों के ऊपर विश्वास नहीं किया जाता है और इन्हें सरफिरा कहा जाता है। शायद लक्षित व्यक्ति नयी टेक्नोलॉजी से अनजान होने के कारण अपनी बात किसी को समझा ही नहीं पाते हैं। लोग भी इसी अज्ञानता के कारण उनकी बातों पर यकीन नहीं कर पाते हैं।

अगर आप इस विषय पर इंटरनेट पर सर्च करते हैं तो आपको पता चलेगा कि इस विषय से इंटरनेट पटा पड़ा है। मगर इन जानकारियों पर भरोसा करना है या नहीं इसके लिए आपको अपनी तर्क शक्ति का इस्तेमाल करना होगा, यह तय करने के लिए कि दी गयी जानकारी सही है या नहीं।  

निम्नलिखित कुछ लिंक्स दिए जा रहे हैं जिन्हें आप क्लिक करके देख सकते हैं :-








Sound to Light

मैंने अपने पिछले लेख "आपके विचारों को पढ़ा जा सकता है! (2)" में यह सम्भावना जताई थी कि ध्वनि को इलेक्ट्रिक सिग्नल में तब्दील किया जा सकता है। तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब आप उपरोक्त "uBeam" शीर्षक में दिए गए दूसरे लिंक के लेख को पढ़ेंगे तो आप जानेंगे कि ऐसा हो सकता है। अल्ट्रासाउंड के माध्यम से पॉवर और डाटा दोनों भेजे जा सकते हैं। यहां तक कि ध्वनि को रोशनी (Light) में भी तब्दील किया जा सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक करें :-

1.  Scientists convert sound into light

2. This Is How Sound Is Turned Into Light


LiFi

लाईफाई वायरलेस टेक्नोलॉजी है जिसमें रेडियो सिग्नल्स के बजाए रोशनी (Light) के जरिए डाटा का आदान -प्रदान होता है। लाईफाई लाइट संचार व्यवस्था (Light Communication System) है जो डाटा को बहुत तेजी से रोशनी, इंफ्रारेड और अल्ट्रावायलेट स्पेक्ट्रम के माध्यम से भेजता है। इस तकनीक में सामान्य एलईडी के जरिए डाटा, चित्र, गाने और वीडियो को भेजा जा सकता है। यह तकनीक वाईफाई से 100 गुणा ज्यादा तेज है। मगर लाईफाई सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में सिर्फ इतना ही कहा जा रहा है कि "वाईफाई के मुकाबले, लाईफाई दीवारों से नहीं गुजर सकती है और इसलिए यह तकनीक सुरक्षित है।" 

लाईफाई के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक कीजिए :-

1. 'Li-fi' via LED light bulb data speed breakthrough

2. Li-fi record data transmission of 10Gbps set using LED lights

3. What is Li-Fi? Everything you need to know


उपरोक्त कई टेक्नोलॉजी को देखकर एकदम से से यकीन नहीं होता है कि सचमुच ऐसी टेक्नोलॉजी मौजूद है! वास्तविक तथ्य तो यह है कि वर्त्तमान समय में विज्ञान असंभव को संभव बना रहा है। इसीलिए विज्ञान के प्रति जागरूकता और सजगता रखनी जरुरी है क्योंकि अब विज्ञान में जो खोजें और अविष्कार हो रहे हैं उससे पूरी दुनिया बदलने वाली है, जिसका प्रभाव सभी पर पड़ेगा। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन खोजों और आविष्कारों का सदुपयोग होता है या दुरुपयोग। 

अंत में सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि विज्ञान अपने आप में निष्पक्ष होता है। इसका सही उपयोग या दुरुपयोग करना इंसान के हाथ में है। जैसे परमाणु शक्ति तबाही के काम भी आ सकती है और बिजली बनाने के लिए भी। इसीलिए जब तक दुनिया में अच्छे और बुरे लोग दोनों हैं, तब तक विज्ञान का उपयोग और दुरुपयोग हमेशा साथ-साथ ही होगा!

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