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मंगलवार, अगस्त 04, 2020

Eureka! Ultrasound can be detected

The reason for creating this blog


आज मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने यह ब्लॉग "मौलिक रचना" क्यों बनाया है? इस ब्लॉग को बनाने के पीछे मेरे दो मकसद थे। एक तो मैं विज्ञान और टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग और उनमें व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में लोगों को जागरूक और सावधान करना चाहता था। दूसरा कारण ये है कि मैं लोगों के मन से यह गलतफहमी मिटाना चाहता हूं कि विज्ञान-टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग, ऊर्जा हथियार, इंसानी शरीर हैकिंग आदि को रोका नहीं जा सकता या इससे लड़ा नहीं जा सकता है। मगर इस लक्ष्य पर मैं कितना सफल हो सकूंगा, ये तो मुझे नहीं पता परंतु मैं प्रयास पूरा करूंगा।

असल में विज्ञान अपने आप में पूर्णतः निष्पक्ष है तथा उसके मूलभूत सिद्धांत नहीं बदल सकते। इसी कारण से भ्रष्ट ताकतों को विज्ञान और टेक्नोलॉजी का छिपकर दुरुपयोग करना पड़ता है। इसलिए सबसे पहली जरूरत तो यही है कि हर व्यक्ति विज्ञान और टेक्नोलॉजी में हो रहे नित नए आविष्कारों और खोजों के बारे में जानकारी रखे। साथ ही, अपने बच्चों को भी विज्ञान में रुचि रखने के लिए प्रोत्साहित करें।

मगर सिर्फ नए आविष्कारों और खोजों के बारे में जानकारी रखना भर ही काफी नहीं है। आप को उन पर विचार-मंथन भी करना होगा कि क्या नए वैज्ञानिक उपलब्धियों का दुरुपयोग हो सकता है या नहीं? उदहारण के लिए आजकल कृत्रिम बुद्धिमत्ता और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things या IoT) के बारे में बहुत चर्चा है। इस पर सोचिए कि क्या इनकी मदद से हैकिंग हो सकती है या नहीं तथा इनके क्या फायदे-नुकसान होंगे? या फिर मोबाइल खरीदने पर उसमें जो पहले से ही एप्प मौजूद होते हैं उन्हें क्यों हटाया नहीं जा सकता? जबकि उनमें कई ऐसे एप्प होते हैं जो कि खुद भी गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए जा सकते हैं मगर उन्हें भी क्यों हटाया नहीं जा सकता है? आदि-आदि। 

Can Ultrasound be detected?

चलिए, इस लेख के विषय पर आते हैं। क्या पराश्रव्य की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है? अगर ऐसा हो जाए तो आने वाले समय में पीड़ित के शरीर पर पराश्रव्य के विभिन्न दुरुपयोग होने पर उसे समय रहते ही इस बारे में पता चल जाएगा। साथ ही ध्वनिक ऊर्जा के दुरुपयोग का प्रमाण भी प्राप्त हो सकेगा। फिलहाल निम्नलिखित कुछ तरीकों से पराश्रव्य की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है:-
1. Thermal Detector
2. Sensitive Flame Method
3. Kundt's tube Method
4. Piezo-Electric Detector
5. Using Radiometer
6. For mobile, some kind of extension for blocking the Ultrasound, just like Ad-blocker

उपरोक्त तरीकों के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक्स को क्लिक कीजिए:-

How Ultrasound detection can be very important?

पराश्रव्य के मापन, उपस्थिति आदि का पता लगाने वाला यंत्र बन जाए और साथ में आटोमेटिक अलार्म सिस्टम भी इसमें हो तो पराश्रव्य का दुरुपयोग होना बहुत मुश्किल हो जाएगा। उपरोक्त डिटेक्टर में थर्मल डिटेक्टर, रेडियोमीटर तथा दाबविद्युतिकी डिटेक्टर (Piezoelectric or Quartz crystal Detector) की विधि से इस प्रकार का यंत्र बनाया जा सकता है। थर्मल डिटेक्टर से तो अन्य ऊर्जा हथियारों जैसे कि माइक्रोवेव, कंपन, अपश्राव्य आदि का भी पता लगाया जा सकता है। बल्कि शरीर पर ऊर्जा हथियारों से चोट होने पर वहां उत्पन्न गर्मी को भी ये दर्शा पाएगा। पराश्रव्य की उपस्थिति का अगर पता चले तो उसे रोकने के भी उपाय किए जा सकते हैं। 
(नोट :-दाबविद्युतिकी पर मैं किसी अन्य लेख में चर्चा करूंगा।) 

पराश्रव्य की उपस्थिति का अगर पता लगाया जा सकता है तो ये बताता है कि भ्रष्ट ताकतों ने जो विज्ञान और टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग के दम पर चक्रव्यूह बनाया है, वो अभेद्य नहीं है। विज्ञान के दम पर ही उसका तोड़ निकाला जा सकता है।
धन्यवाद।

2 टिप्‍पणियां:

  1. Can you pls contact me at 636 149 5332? Pls look up www.CovertEnergyTorture.org. Thx.

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    उत्तर
    1. Thanks Unknown for writing in this Blog. Currently, it is not possible for me to call you. However, you can contact me on email - findingeasysolutions@gmail.com.

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