सोमवार, जून 21, 2021
डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई जानकारियों के सही होने का मैं किसी प्रकार से कोई दावा नहीं कर सकता हूं। मैं पाठकों से निवेदन करता हूं कि इस लेख में दी गई किसी भी बात पर आंख बंद करके भरोसा न करें। यदि किसी को भी इस लेख को पढ़कर कोई गलतफहमी होती है या किसी प्रकार का नुकसान होता है, तो उसमें मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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भाग-1
"ऊर्जा हथियार" का अर्थ है विभिन्न प्रकार की ऊर्जा का दुरुपयोग हथियार के तौर पर करना। कई देशों में इस प्रकार के हथियारों पर काम चल रहा है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी आधारित हथियारों को देश की सुरक्षा के लिए बनाना और बात है जबकि मासूम और निहत्थे लोगों पर उनका अवैध इस्तेमाल होना बिल्कुल ही अलग और गंभीर मामला है जिसे आतंकवाद कहना ही उपयुक्त है। मगर दुःख की बात है कि अभी तक ऊर्जा हथियारों और नवीनतम टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई कानून नहीं बना है और यह स्थिति शायद दुनिया के सभी देशों में है। इस कारण कुछ भ्रष्ट ताकतें बिना किसी भय के आम लोगों पर इन हथियारों का इस्तेमाल कर रही हैं।
ऊर्जा हथियारों का दुरुपयोग बहुत बड़े स्तर पर हो रहा है। दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने वाले लाखों टारगेटेड इंडिविजुअल्स इस बात का दावा करते हैं कि उनके शरीर और मस्तिष्क को विभिन्न प्रकार के ऊर्जा हथियारों से निशाना बनाया जाता है। मगर इस विषय पर कोई आधिकारिक जानकारी न होने की वजह से ज्यादातर लोगों को इस तरह के हाई-टेक अपराधों के बारे में कुछ भी पता नहीं है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति पर ऊर्जा हथियारों का इस्तेमाल होता है तो उसे कैसे पता चलेगा कि उसके शरीर अथवा मस्तिष्क को टारगेट किया जा रहा है? क्या कोई तरीका है जिससे ऊर्जा हथियारों के दुरुपयोग की पुष्टि की जा सकती है? प्रस्तुत लेख इसी विषय पर है।
इस लेख के प्रथम भाग में ऊर्जा हथियारों के दुरुपयोग से उत्पन्न होने वाले लक्षणों की मदद से उसके दुरुपयोग की पुष्टि के तरीकों पर चर्चा होगी तथा दूसरे भाग में टेक्नोलॉजी की मदद से किसी भी प्रकार की ऊर्जा की संदेहजनक मौजूदगी का पता लगाने के तरीकों पर चर्चा होगी जो कि अधिक व्याहवारिक और बेहतर तरीका है। तो चलिए, लेख शुरू करते हैं।
👉 Factors which can effect the results for detecting energy weapons
लक्षणों की मदद से ऊर्जा के दुरुपयोग का पता लगाने के तरीकों पर चर्चा करने से पहले निम्नलिखित कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनसे परिणाम प्रभावित हो सकते हैं :
1. Seventh Sense - ऊर्जा हथियारों का इस्तेमाल होने पर शरीर, वातावरण, वस्तुओं आदि में कई प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते हैं। मगर इन लक्षणों को महसूस करने के लिए व्यक्ति की इन्द्रियों को प्रबल और संवेदनशील होना जरूरी है। परंतु हर व्यक्ति की इन्द्रियां अलग ढंग से काम करतीं हैं। ऐसे में किसी की पांचों इन्द्रियां तेज हो सकती हैं तो किसी की काफी कमजोर। इस वजह से बहुत से लोगों को ऊर्जा से उत्पन्न लक्षणों की पुष्टि करने में दिक्कत हो सकती है।
2. Personalized Advertisement Style Targeting - तथाकथित गैंग-स्टाल्कर्स व्यक्ति-आधारित विज्ञापन की तर्ज पर लोगों को निशाना बनाते हैं। अर्थात लोगों की दिनचर्या, हैसियत, परेशानी, बीमारी, खान-पान आदि के हिसाब से उन्हें अलग-अलग तरीके से निशाना बनाया जा सकता है। जिस कारण से लक्षणों को पकड़ने या उनकी पुष्टि करने में दिक्कत हो सकती है।
3. Targeted only at a particular time or place - ऐसा भी हो सकता है कि पीड़ित पर किसी खास समय या जगह पर ही ऊर्जा हथियारों का इस्तेमाल होता हो। उदाहरण के लिए सोते वक्त या दफ्तर में बैठे वक्त ही किसी व्यक्ति पर ऊर्जा हथियार चलाए जा रहे हों। बाकि के समय में अगर वह व्यक्ति ऊर्जा हथियार के चलने की पुष्टि करने की कोशिश करता है तो उसे यह गलतफहमी हो सकती है कि उस पर ऊर्जा का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
4. Weapons Variety - गैंग-स्टाल्कर्स कई प्रकार की ऊर्जा का दुरुपयोग करते हैं जैसे कि ध्वनि ऊर्जा, वायरलेस बिजली, विद्युतचुम्बकीय रेडिएशन आदि। इसके अलावा ऊर्जा आधारित चिकित्सकीय उपकरणों एवं नवीनतम टेक्नोलॉजी का भी दुरुपयोग अवैध जासूसी एवं प्रताड़ना के लिए किया जाता है। इस वजह से भी पुष्टि करने में दिक्कत होती है।
5. Wrong ideas about being targeted- कोई यह महसूस करने लगे कि उस पर ऊर्जा हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि वास्तव में ऐसा न हो रहा हो, तो उसे बेवजह मानसिक तनाव हो सकता है। इसी प्रकार से अगर किसी को सच में निशाना बनाया जा रहा हो और वो इस बात से अनभिज्ञ हो तो स्थिति और भी ज्यादा खराब होगी। इसलिए ऊर्जा हथियारों के दुरुपयोग की पुष्टि करना आसान कार्य नहीं है।
6. Illness might not be confused otherwise - यदि किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है तो उसे बहुत ज्यादा सावधानी से काम लेना चाहिए। ऊर्जा हथियारों से शरीर में कई प्रकार की बीमारी के लक्षण उत्पन्न किए जा सकते हैं। ऐसे में बीमारी को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम जानलेवा हो सकता है। इसलिए कोई इलाज चल रहा हो तो उसे जारी रखना चाहिए। संदेह होने पर इस विषय पर अपने परिवार और विश्वसनीय दोस्तों एवं डॉक्टर से सलाह लें मगर बीमारी होने पर इलाज जरूर करवाएं। (नोट : इस पॉइंट को अतिरिक्त डिस्क्लेमर के तौर पर भी पढ़ें।)
7. Extra-Sensitive or Insensitive - कुछ लोग किसी बीमारी, एलर्जी, स्वभाव आदि की वजह से अतिसंवेदनशील हो सकते हैं, जिस कारण उन्हें बिना वजह ही ऊर्जा के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके विपरीत, कुछ लोग खान-पान, रहन-सहन, आदत आदि के कारण असंवेदनशील हो सकते हैं, जैसे कि शराब पीना, कान में इयरफोन लगाकर तेज आवाज में गाना सुनने की आदत आदि के कारण कुछ लोगों को ऊर्जा हथियारों के लक्षण महसूस नहीं होते।
👉 How to confirm misuse of Energy Weapons?
ऊर्जा हथियारों से बचाव की सबसे पहली शर्त है, उनके इस्तेमाल होने की पुष्टि करना। व्यक्ति को समय पर पता चल जाए कि उसे ऊर्जा हथियारों से निशाना बनाया जा रहा है तो वह अपने व परिवार के बचाव के बारे में सोच सकता है तथा संभव हो तो बहुत कुछ कर भी सकता है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जानकारी के अभाव में ऐसे हथियारों से उत्पन्न लक्षणों को जादू-टोना या (शारीरिक अथवा मानसिक) बीमारी भी समझ सकता है। मगर सिर्फ लक्षणों से ऊर्जा हथियारों के दुरुपयोग को पकड़ना बहुत ही दुष्कर कार्य है। ऐसे हथियारों के लक्षण बीमारी, थकान, कमजोरी, पुरानी चोट आदि से उत्पन्न लक्षणों से बहुत मिलते-जुलते हो सकते हैं। इसलिए इस तरीके का इस्तेमाल बहुत संयम और सावधानी से करना पड़ता है। इस तरीके से पुष्टि करने के लिए महीनों का समय भी देना पड़ सकता है।
मगर डूबते को तिनके का सहारा होता है। अधिकतर टारगेटेड इंडिविजुअल्स विज्ञान की पढ़ाई, थोड़ी-बहुत जानकारी या शौक की मदद से ही ऊर्जा हथियारों की जानकारी जुटाने की कोशिश करते हैं।इस कार्य में इंटरनेट का सहारा भी पूरी सावधानी के साथ लेना पड़ता है। अगर विज्ञान के साथ-साथ कॉमन सेंस का इस्तेमाल भी किया जाए तो बहुत हद तक ऊर्जा के दुरुपयोग की पुष्टि की जा सकती है। तो चलिए, देखते हैं कि लक्षणों की मदद से ऊर्जा के दुरुपयोग का कैसे पता लगाया जा सकता है :
1. Symptoms of Energy Weapons : ऊर्जा को भले ही हम देख नहीं सकते हैं मगर उसके चलने पर शरीर या मस्तिष्क में कई तरह के प्रभाव उत्पन्न होते हैं। उदाहरण के लिए बिजली का झटका लगने पर बिजली की तीव्रता के अनुसार सनसनाहट, तेज दर्द या जलने के लक्षण महसूस होते हैं, खाना बनाते वक्त उसमें से गर्मी या ताप महसूस होता है, पार्टी में संगीत का आयोजन हो तो तेज ध्वनि के कारण शरीर में कम्पन भी महसूस होता है। इसके अलावा गर्मी से पसीना आना, बिजली के झटके से घबराहट तथा तेज ध्वनि से सिरदर्द आदि लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं।
इसी प्रकार से ऊर्जा के चलने पर कुछ न कुछ लक्षण अवश्य उत्पन्न होते हैं, जैसे कि पल्स, चुभन, दर्द, गर्मी, कंपन, सनसनी (Sensation), दिल की धड़कन बढ़ना या दर्द होना आदि। इसके अलावा ऊर्जा की तीव्रता के अनुसार उल्टी आना, बेचैनी, सर घूमना, कमजोरी, वजन कम होना, शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द आदि लक्षण हो सकते हैं। ऊर्जा से उत्पन्न लक्षणों पर कोई गम्भीरतापूर्वक गौर करे तो वह उन्हें सामान्य लक्षणों से अलग कर सकता है। ध्यान रहे कि बीमारी आदि में भी बताए गए लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं मगर ऊर्जा हथियार बार-बार या लगातार चल रहे हों तो उससे होने वाले लक्षण बेवजह उत्पन्न होते रहेंगे।
2. Science is Neutral : विज्ञान के मूल सिद्धांत निष्पक्ष होते हैं जिस कारण वे भेद-भाव नहीं कर सकते। इसलिए कोई भी विज्ञान के सिद्धांतों पर गौर करके तर्कपूर्ण ढंग से सोचेगा तो उसे पता चल जाएगा कि उस पर ऊर्जा हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं? ऊर्जा का नियम है कि उसे बनाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है तथा वो एक रूप से दूसरे में परिवर्तित होती है। उदाहरण के लिए ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) से गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) या गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) से ऊष्मा ऊर्जा (Thermal or Heat Energy) में परिवर्तित हो जाती है।
इसी प्रकार से ध्वनिक ऊर्जा (Sound Energy), जैसे कि पराश्रव्य (Ultrasound) या अपश्रव्य (Infrasound) चलने पर उसकी ऊर्जा शरीर में कम्पन तथा ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न करेगी। तार रहित बिजली या कम्पन के चलने पर ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न होगी। इसके अलावा झटका लगना, दर्द होना, कमजोरी, कम्पन, उल्टी आना आदि लक्षणों से ऊर्जा के चलने का एहसास हो जाता है। महान इंजीनियर एवं वैज्ञानिक निकोला टेस्ला का कथन इस प्रकार है :-
3. Gang-Stalkers enjoy victims suffering : कई बार गैंग-स्टाल्कर्स जानबूझ कर पीड़ित व्यक्ति को खुद एहसास दिलाते हैं कि उसे ऊर्जा हथियारों से टारगेट बनाया जा रहा है। ऐसा वे व्यक्ति को डराने-धमकाने, लाचार और असहाय महसूस कराने, परपीड़ा का सुख पाने आदि कारणों के लिए करते हैं। इसके विपरीत पैसेवाले और सामाजिक व्यक्ति को छुपकर निशाना बनाया जाता होगा। गैंग-स्टाल्कर्स किसी व्यक्ति को एहसास दिलाकर निशाना बना रहे हों तो उसे आसानी से पता लग जाएगा कि उस पर ऊर्जा हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। मगर किसी पर यदि चुपचाप निशाना बना रहे हों तो लक्षणों की मदद से ऊर्जा के चलने का पता लग सकता है बशर्ते कि पीड़ित इस विषय के प्रति जागरुक हो।
4. Gang Stalking : गैंग-स्टॉल्किंग और ऊर्जा हथियारों का प्रयोग, दोनों साथ-साथ हो सकते हैं। ऐसे में गैंग-स्टॉल्किंग खुद ऊर्जा के दुरुपयोग होने का लक्षण हो सकती है। व्यक्ति को दोनों ही विषयों के प्रति सावधान रहना चाहिए।
5. Yoga & Meditation : प्राणायाम, शवासन, ध्यान आदि योगाभ्यास करने वालों को ऊर्जा हथियारों के लक्षणों का जल्दी आभास हो सकता है बशर्ते कि वे इस विषय के प्रति जागरूक हो।
6. Unusual Symptoms : अगर किसी व्यक्ति को अकारण ही एक-साथ कई अजीब लक्षण महसूस होने लगे हों - (जैसे कि बेहोशी जैसी नींद आने लगी हो, वातावरण में गुम-शोर सुनाई देता हो, घर की दीवारों, फर्नीचर आदि में कंपन महसूस होने लगे, पल्स महसूस होने के साथ-साथ शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक हल्के झटके (jerk) से लेकर तेज दर्द महसूस हो, अचानक तेज गर्मी या सर्दी महसूस होने लगता हो, बिना कारण तेजी से वजन गिरने लगा हो आदि) तो उसे ऊर्जा के दुरुपयोग होने की आशंका से इंकार नहीं करना चाहिए। इस विषय पर मैं अधिक जानकारी देने का प्रयास करूंगा। (डिस्क्लेमर : बताए गए लक्षणों का कोरोना वायरस से कोई सम्बन्ध नहीं है।)
7. Confirmation with Technology : टेक्नोलॉजी की सहायता से ऊर्जा हथियारों के चलने की पक्के तौर पर पुष्टि की जा सकती है, जिसके बारे में इस लेख के भाग-2 में चर्चा होगी।
उपरोक्त जानकारियां सैद्धांतिक और सामान्य ज्ञान की बातें हैं मगर टेक्नोलॉजी के बिना ऊर्जा के दुरुपयोग की पुष्टि करने के यही मौलिक तरीके हैं। किसी अन्य लेख में मैं उपरोक्त जानकारियों के व्यावहारिक इस्तेमाल की कुछ टिप्स एवं ट्रिक्स भी आपको बताने का प्रयास करूंगा। आपको यह लेख ज्ञानवर्धक लगा होगा, मैं ऐसी उम्मीद करता हूं। साथ ही मैं सभी से इस लेख के भाग-2 को पढ़ने का निवेदन भी करता हूं।
धन्यवाद।
बुधवार, अगस्त 05, 2020
Some thoughts on Neural Dust
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What is Smart Dust?

विकिपीडिया के अनुसार, "Smartdust is a system of many tiny microelectromechanical systems (MEMS) such as sensors, robots, or other devices, that can detect, for example, light, temperature, vibration, magnetism, or chemicals. They are usually operated on a computer network wirelessly and are distributed over some area to perform tasks, usually sensing through radio-frequency identification. Without an antenna of much greater size the range of tiny smart dust communication devices is measured in a few millimeters and they may be vulnerable to electromagnetic disablement and destruction by microwave exposure."
Privacy and Security Threats from Smart Dust
मंगलवार, अगस्त 04, 2020
The reason for creating this blog
Can Ultrasound be detected?
How Ultrasound detection can be very important?
पराश्रव्य की उपस्थिति का अगर पता लगाया जा सकता है तो ये बताता है कि भ्रष्ट ताकतों ने जो विज्ञान और टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग के दम पर चक्रव्यूह बनाया है, वो अभेद्य नहीं है। विज्ञान के दम पर ही उसका तोड़ निकाला जा सकता है।